राजराजेश्वर मंदिर से स्टेट के समय निकलती थी चांदी की पालकी में सवारी

मुगलकाल में हो चुका है हजारिया महादेव मंदिर पर आक्रमण
अशोकनगर,21 फरवरी(हि.स.)। उज्जैन महाकालेश्वर की तर्ज पर अशोकनगर में भी राजराजेश्वर का दरबार विराजमान है। महा शिवरात्री के पावन अवसर पर यहां सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में राजराजेश्वर के दर्शनों और मनोकामनाओं के लिए उमड़ती रही।
वैसे तो शिवरात्रि पर्व पर शिव-पार्वती पूजन और शिव-अभिषेक का बढ़ा महत्व है। पर अशोकनगर के पुराना बाजार स्थित राजराजेश्वर मंदिर और समीप ही पुरानी गढ़ी के मंदिर में हजारिया महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना और अभिषेक का कुछ अलग ही महत्व बताया जाता है, जहां सुबह से शाम तक हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती दिखाई दी।
200 वर्षों से विराजमान हैं राजराजेश्वर
शहर के पुराना बाजार स्थित प्राचीन राजराजेश्वर मंदिर में शिव और पार्वती सिंहासन पर राजा-रानी की तरह विराजमान हैं, जिस कारण से इस मंदिर को राजराजेश्वर की मान्यता प्राप्त है।
बताया जाता है कि यह राजराजेश्वर प्राचीन मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है तथा इसकी स्थापना स्टेट के समय की गई थी। पुराना बाजार निवासी वरिष्ठ एडवोकेट ओमप्रकाश चौधरी बताते हैं कि स्टेट के समय ही राजराजेश्वर मंदिर से राजराजेश्वर की चांदी की पालकी में कभी सवारी शहर के भ्रमण पर निकला करती थी, तथा बाद में वह चांदी की पालकी खजाने में रखी जाती थी।
मुगल काल में तोड़ा गया था हजारिया महादेव मंदिर
राजराजेश्वर मंदिर के पास ही गढ़ी में आज भी एक प्राचीन हजारिया मंदिर मौजूद है, इस मंदिर की भी कुछ कम मान्यता नहीं है। बताते हैं कि यह मंदिर में विराजित हजारिया महादेव शिवलिंग करीब 500 वर्ष पुराना है। जिनके समीप ही हनूमान और राधा-कृष्ण के प्राचीन मंदिर हैं।
एडवोकेट ओमप्रकाश चौधरी का कहना है कि गढ़ी में स्थित हजारिया मंदिर पर मुगलकाल में आक्रमण भी किए गए हैं। अगर गढ़ी में स्थित हजारिया महादेव मंदिर के पास खुदाई की जाए तो और भी मंदिरों की पुरा सम्पदा निकलने की उम्मीद है। वह बताते हैं जिन स्थानों पर गढ़ी में यह प्राचीन मंदिर हैं, यह गढ़ी किसी जमाने में राजस्थान की चौकी हुआ करती थी।
शिवराज सिंह चौहान ने भी किया हजारिया महादेव का अभिषेक
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत 10 जनवरी को अशोकनगर आक्रोश सभा में आगमन के अवसर राजराजेश्वर मंदिर में आशीर्वाद प्राप्त कर गढ़ी में स्थित हजारिया महादेव मंदिर में अभिषेक किया था।